शाहिद कपूर, बॉलीवुड के चहेते अभिनेताओं में से एक, एक सफल करियर और लाखों प्रशंसकों के प्रेम के बावजूद, पिता बनने के अनुभव से गुजरते हुए डर से ग्रसित हो गए थे। उनकी बेटी मीशा के जन्म के बाद, खुशी के साथ-साथ उनके मन में एक असहज भाव भी उभरा, जिसके बारे में उन्होंने खुलकर बात की।
मीरा के पिता से मांगी माफी:
एक इंटरव्यू में, शाहिद ने बताया कि “मैंने कभी नहीं सोचा था कि पिता बनना इतना डरावना हो सकता है। जब मैंने पहली बार मीशा को देखा, तो मुझे लगा कि मैं उसकी जिम्मेदारी नहीं उठा पाऊंगा।” यह डर असामान्य नहीं है। कई नए माता-पिता अचानक उन्हें सौंपी गई ज़िम्मेदारी से अभिभूत हो जाते हैं। एक छोटे से बच्चे की देखभाल करना, उसके स्वास्थ्य, सुरक्षा और खुशी सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है, और यह स्वाभाविक है कि इससे चिंता और डर पैदा हो सकता है।
शाहिद ने इस डर का सामना करने और इसे दूर करने के लिए कदम उठाए। उन्होंने अपनी पत्नी मीरा राजपूत के पिता को फोन किया और उनसे माफी मांगी। उन्होंने कहा, “मैंने उन्हें बताया कि अगर शादी में कभी मैंने कुछ ऐसा किया है, जिससे उन्हें परेशानी हुई हो, तो मैं माफी मांगता हूँ।” यह कदम न केवल उनके ससुर के साथ बंधन को मजबूत करने का एक प्रयास था, बल्कि यह उनके अपने मन में चल रहे संघर्ष को स्वीकारने और समर्थन पाने की उनकी इच्छा का भी संकेत था।
बेटी के लिए बदले खुद को:
अपनी बेटी के जन्म के बाद, शाहिद खुद को बदलने के लिए भी प्रेरित हुए। उन्होंने धूम्रपान छोड़ दिया, यह जानते हुए कि यह उनकी बेटी के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। यह एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण कदम था जो दर्शाता है कि वह एक बेहतर पिता बनने के लिए प्रतिबद्ध थे।
आज, शाहिद सोशल मीडिया पर अक्सर मीशा के साथ तस्वीरें और वीडियो शेयर करते हैं, जो उनके गहरे पिता-पुत्री प्रेम का प्रमाण है। उनका अनुभव हमें याद दिलाता है कि पिता बनना न केवल खुशी और प्यार लाता है, बल्कि यह एक ऐसी यात्रा भी है जिसमे आशंकाओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यह यात्रा हमें मजबूत, अधिक जिम्मेदार और धैर्यवान बनाती है।
शाहिद कपूर की कहानी उन सभी नए माता-पिताओं को प्रेरित करती है जो डर या असहायता महसूस कर रहे हैं। यह हमें याद दिलाता है कि हम अकेले नहीं हैं, और यह डर सामान्य है। समर्थन पाना, खुद को बदलने की कोशिश करना और इस यात्रा का आनंद लेना ही सफल पिता बनने की कुंजी है।