सबसे पहले एक महत्वपूर्ण प्रश्न पूछने के लिए मैं प्रश्नकर्ता को धन्यवाद देना चाहूंगा। प्रकृति के संतुलन हेतु पेड़ों को बचाना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है । वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जबकि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है और प्रदूषण दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है, तो ऐसी स्थिति में हम सभी का यह कर्तव्य ही नहीं बल्कि धर्म है कि हम जीवित पेड़ों को न काटें और यदि कोई व्यक्ति पेड़ों को काट रहा है तो उसको ऐसा करने से रोकें।
इस विषय में एक बात बहुत महत्वपूर्ण है और वह है “समय” जब कोई व्यक्ति पेड़ काट रहा हो तो उस समय की प्राथमिकता यह है कि जितनी भी जल्दी हो सके स्वयं या किसी की सहायता से उस व्यक्ति को पेड़ काटने से रोका जाए। जहां तक पेड़ों के संरक्षण का प्रश्न है तो इसके लिए सक्षम अधिकारी राज्य का वन विभाग होता है तथा कोई भी पेड़ केवल जिले के वन अधिकारी की अनुमति के बिना नहीं काटा जा सकता।
अब चूंकि मैंने पहले भी बताया है कि इस मामले में समय की बहुत महत्ता है तो करना यह चाहिए कि जिस वक्त कोई व्यक्ति पेड़ काट रहा है उसी समय उसको रोकने के लिए हमें कोई भी व्यक्ति जैसे यदि गांव है तो ग्राम का मुखिया(ग्राम प्रधान/सरपंच आदि) , इलाके का पुलिस थाना, ब्लॉक ऑफिस, तहसील कार्यालय, अथवा यदि नगर क्षेत्र है तो RWA का कोई भी पदाधिकारी, पार्षद, नगर निगम अर्थात कोई भी व्यक्ति जो भी व्यक्ति शीघ्रतिशीघ्र उपलब्ध हो सके उससे शिकायत करके सहायता प्राप्त की जा सकती है तथा पेड़ को काटने से रोका जा सकता है।
इसके बाद विधिवत रूप से सक्षम अधिकारी के समक्ष लिखित शिकायत दर्ज कराई जा सकती है जो कि जांच करके पेड़ों की सुरक्षा निश्चित करने की व्यवस्था करेगा।