रेलवे में असिस्टेंट लोको पायलट की कम वैकेंसी से नाराज हजारों छात्रों के हंगामे के बाद प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है. जिला प्रशासन ने एक अहम फैसला लेते हुए पटना सदर और पटना सिटी अनुमंडल में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है. विरोध प्रदर्शन की संभावना को देखते हुए रेलवे स्टेशनों / रेलवे कार्यालयों / रेलवे ट्रैक और अन्य स्थानों पर प्रदर्शन, सड़क जाम, भड़काऊ भाषण आदि गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
धारा 144 के तहत पांच या अधिक व्यक्तियों का अवैध जमावड़ा नहीं करना, कोई प्रदर्शन या जुलूस, धरना, किसी भी तरह का हथियार लेकर नहीं चलने का आदेश दिया गया है. यह आदेश 31 जनवरी से 5 फरवरी तक लागू रहेगा.
क्या कहा गया है जारी आदेश में
पटना सिटी और पटना सदर के अनुमंडल दंडाधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि 29 जनवरी से रेलवे भर्ती परीक्षा को लेकर छात्र और युवा संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर विभिन्न ग्रुपों के माध्यम से कई स्थानों पर हिंसक और आक्रामक प्रदर्शनों के लिए भीड़ जुटाना, रेलवे परिचालन बंद करना, सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और छात्रों/युवाओं को आगजनी करने के लिए संगठित करने के लिए संदेश फैलाया जा रहा है. ऐसी स्थिति में जान-माल की हानि और सामान्य जनजीवन बाधित होने की आशंका है. इसलिए सार्वजनिक स्थानों, चौराहों और रेलवे स्टेशनों पर किसी भी तरह की अनावश्यक भीड़ और प्रदर्शन पर रोक लगाने की जरूरत है. ऐसे में धारा धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है.
धारा 144 के तहत इन चीजों पर रहेगा प्रतिबंध
- रेल और सड़क यातायात को किसी भी प्रकार से बाधित करना दण्डनीय होगा
- धरना, प्रदर्शन, जुलूस आदि प्रतिबंधित रहेगा
- किसी भी प्रकार का भड़काऊ संदेश प्रसारित करना प्रतिबंधित रहेगा
- लॉड स्पीकर के माध्यम से भड़काऊ भाषण आदि प्रतिबंधित रहेगा
- किसी भी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र लेकर चलना और प्रदर्शन करना दण्डनीय रहेगा
- किसी भी प्रकार से सरकारी एवं निजी सम्पत्ति को क्षति पहुंचाना विशेष रूप से दण्डनीय होगा
- पांच या उससे अधिक व्यक्तियों का एक जगह पर इकट्ठा होना प्रतिबंधित रहेगा क्या कहना है छात्रों का
दरअसल, प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि रेलवे भर्ती बोर्ड ने छह साल बाद देशभर में 5696 असिस्टेंट लॉक पायलट पदों के लिए वैकेंसी निकाली है. इससे पहले साल 2018 में इस पद के लिए रिक्तियों की संख्या 64,371 थी. इस बार कम से कम 56 हजार रिक्तियां निकाली जानी चाहिए थीं. यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की
- सहायक लोको पायलट के पदों की संख्या कम-से-कम 56 हजार की जाये.
- ग्रुप डी व आरपीएफ में पदों पर नियुक्ति की जाये.
- टेक्निशियन के पदों पर बहाली होना चाहिए.
- रेलवे परीक्षा का कैलेंडर जारी किया जाये.
- रेलवे परीक्षा में उम्र में छूट मिलनी चाहिए.
- प्रदर्शनकारियों पर प्राथमिकी दर्ज कर दमन करने का प्रयास बंद होना चाहिए.
क्या बोले पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक
इधर, पूर्व मध्य रेलवे के जीएम अनिल खंडेलवाल ने कहा कि हंगामा कर रहे छात्र डेढ़ लाख असिस्टेंट लोको पायलट की बहाली की मांग कर रहे हैं, जो गलत है. क्योंकि एएलपी के पदों पर रिक्तियां लगभग पूरी हो गयी हैं. वहीं, जितने लोग रिटायर हो रहे हैं, उनकी सूची बनाकर बहाली की जा रही है. बीते एक साल के अंदर एएलपीएस, स्टेशन मास्टर, ट्रेन मैनेजर, जूनियर इंजीनियर, टेक्नीशियन, ट्रैक मैंटेनर, क्लर्क समेत अलग-अलग पदों पर डेढ़ लाख बहाली की जा चुकी है. अब रेलवे हर साल जनवरी महीने में बहाली करेगा. इसके लिए रेलवे बोर्ड की ओर से सभी जोन से खाली पदों की सूची मांगी जाएगी.