भारत को साल 2023 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिली सफलताओं से भारतीयों में खुशी की लहर दौड़ गई. वहीं कुछ बातों पर विवाद भी हुआ. इन पलों ने इस साल भारतीयों को एकजुट होकर खुशियां मनाने और आक्रोश जताने का अवसर दिया. आइए जानते हैं 2023 में सोशल मीडिया पर वायरल हुए ऐसे ही कुछ पलों के बारे में.
जस्ट लुकिंग लाइक ए वॉव!
जैस्मीन कौर का “जस्ट लुकिंग लाइक ए वॉव!”. यह वो फ्रेज़ था जिसने साल जीत लिया. कौर करीब 20 साल से दिल्ली में कपड़े की दुकान चला रही हैं. इस साल अक्टूबर में वो अपने स्टोर पर उपलब्ध डिज़ाइनों और उनके विवरण की भरपूर प्रशंसा के लिए वायरल हो गईं.
वह अपनी दुकान पर आईं नई डिज़ाइनों के प्रमोशन के लिए इंस्टाग्राम वीडियो का उपयोग कर रही हैं. अक्सर वो ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए मॉडलिंग करती हैं.
वो इन वीडियो में कहती हैं, ”सो ब्यूटीफुल, सो एलिगेंट, जस्ट लुकिंग लाइक ए वॉव!”. इस तरह से एक ड्रेस का वर्णन करना इतना लोकप्रिय हुआ कि यह उनका तकिया कलाम बन गया.
कौर की आवाज़ पर लिप-सिंक करते हुए बनाई गईं करीब दो मिलियन इंस्टाग्राम रील्स में दीपिका पादुकोण जैसे बॉलीवुड कलाकार, संगीतकार और यहां तक कि राजनेता भी शामिल थे. इस सफलता से स्तब्ध कौर ने कहा कि यह वर्णन करना कठिन है कि वो कितनी खुश हैं.
अंग्रेज़ी के अखबार ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ को दिए एक इंटरव्यू में कौर ने बताया, “मैं तीन साल से इंस्टा लाइव कर रही हूं और अचानक मैं वायरल हो गई. और अब प्रियंका चोपड़ा के पति (निक जोनस) ने भी यह कहा है. मुझे तो वॉव लग रहा है. मेरी ज़िंदगी बदल गई है.”
ओरी कौन है?
कौर की वायरल सफलता का बहुत बारीकी से अनुसरण मिस्ट्री मैन ओरी ने किया. कौन हैं ये? यह वह प्रश्न था जिसका उत्तर नवंबर में हर कोई जानना चाहता था, जब भारत की सबसे बड़ी हस्तियों के साथ एक युवक की तस्वीरें वायरल होने लगीं.
ओरी के नाम से मशहूर ओरहान अवत्रामणी को बॉलीवुड के बड़े सितारों जैसे दीपिका पादुकोण और करीना कपूर से लेकर भारतीय अरबपति मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी के साथ देखा गया था. उन्हें नीता मुकेश अंबानी सांस्कृतिक केंद्र के उद्घाटन जैसे कार्यक्रमों में देखा गया. उन्हें सुपरस्टार शाहरुख खान के घर पर पार्टी करते देखा गया.
लेकिन वह इतने लोकप्रिय क्यों थे और उन्होंने क्या किया? कई खबरों और लेखों में इसका उत्तर खोजने का प्रयास किया गया. ‘कॉस्मोपॉलिटन इंडिया’ के साथ एक वायरल इंटरव्यू में ओरी ने यह समझाने का प्रयास किया कि वह क्या करते हैं. उन्होंने कहा, “मैं काम कर रहा हूं…लेकिन मैं खुद पर काम कर रहा हूं.”
सुधा मूर्ति का ‘चम्मच’ लाया सोशल मीडिया पर तूफान
मशहूर लेखिका और परोपकारी सुधा मूर्ति के बयान से उस समय विवाद खड़ा हो गया जब उन्होंने कहा कि वह विदेश यात्रा के दौरान मांसाहारी भोजन के साथ किसी भी आकस्मिक संपर्क से बचने के लिए अपना भोजन और चम्मच खुद लेकर जाती हैं.
खुद को अंडा भी न खाने वाली ‘शुद्ध शाकाहारी’ बताते हुए मूर्ति ने कहा, “मेरा सबसे बड़ा डर यह है कि शाकाहारी और मांसाहारी दोनों व्यंजनों के लिए एक ही चम्मच का इस्तेमाल किया गया होगा.” सोशल मीडिया उनकी आलोचना करने वाले और उनका बचाव करने वाले समान रूप से विभाजित थे.
उनका समर्थन करने वालों ने कहा कि यह व्यक्तिगत पसंद का मामला है, जबकि आलोचकों ने कहा कि उनकी टिप्पणियाँ भारत की कठोर जाति व्यवस्था और उनकी उच्च जाति की ब्राह्मणवादी संवेदनाओं द्वारा निर्धारित पवित्रता की धारणाओं में निहित थीं. कुछ लोगों ने उनके दामाद, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पके हुए मांस को प्लेट में ले जाते हुए उनकी तस्वीरें भी शेयर कीं.
एक युवा को कितने घंटे काम करना चाहिए?
सुधा मूर्ति के बयान के कुछ महीनों बाद उनके पति और भारतीय सॉफ्टवेयर अरबपति एनआर नारायण मूर्ति देश की कार्य संस्कृति पर अपनी टिप्पणी की वजह से चर्चाओं में आ गए.
व्यवसायी ने एक पॉडकास्ट पर युवा भारतीयों से सप्ताह में 70 घंटे काम करने की अपील की. उन्होंने कहा, “जब तक हम अपनी कार्य उत्पादकता में सुधार नहीं करते…हम उन देशों के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगे जिन्होंने जबरदस्त प्रगति की है.” नारायण मूर्ति को अन्य उद्योगपतियों का समर्थन मिला, जिन्होंने कहा कि भारत जैसी बढ़ती अर्थव्यवस्था को यही चाहिए था.
लेकिन सोशल मीडिया पर कई लोगों ने कर्मचारियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की अनदेखी करने और खराब कार्य संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए उनकी आलोचना की. कई लोगों ने उन अध्ययनों की ओर इशारा किया जिनसे पता चलता है कि भारतीयों ने पहले से ही विकसित देशों की तुलना में कम पैसे पर बहुत लंबे समय तक काम किया है. यह बहस ऐसे समय में हुई जब विकसित देश काम के छोटे हफ्तों का प्रयोग कर रहे हैं.
जब भी मूर्ति की कंपनी इंफोसिस के शेयर की कीमत गिरती या उनकी कंपनी को कोई ठेका नहीं मिलता है तो सोशल मीडिया पर ’70 घंटे’ टिप्पणी का उपयोग मजाक के रूप में किया जाता है.