Bhanu Saptami 2024: हिन्दू सनातन धर्म में विभिन्न प्रकार के व्रत आदि रखने का नियम हैं. ऐसा माना जाता है की व्रत आदि रखने से भगवान के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है.
लेकिन इन सभी व्रत में भानु सप्तमी व्रत को काफी अहम और महत्वपूर्ण माना जाता हैं. भानु सप्तमी हर माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को आती हैं. अब इन दिनों फाल्गुन माह चल रहा हैं और पंचाग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तिमि तिथि कल यानी 3 मार्च रविवार के दिन हैं.
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कल 3 मार्च रविवार के दिन भानु सप्तमी का व्रत रखा जायेगा. अगर आप भी भानु सप्तमी का व्रत रखते हैं. तो इस व्रत से जुडी कुछ महत्वपूर्ण बाते आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आपको बताने वाले हैं.
इसलिए आज की हमारी इस पोस्ट में आप अंत तक बने रहिये.
भानु सप्तमी व्रत सूर्य देवता को है समर्पित
कुछ शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है की अगर रविवार के दिन भानु सप्तमी का व्रत आ रहा हैं. तो बहुत ही ख़ास और अहम माना जाता हैं. यह अधिक फलदायी होता हैं. इसलिए इस बार के भानु सप्तमी व्रत को आप सभी लोगो को जरुर रखना चाहिए.
शास्त्रों के अनुसार भानु सप्तमी का व्रत भगवान सूर्य देवता को समर्पित हैं और ख़ास बात तो यह है की रविवार का दिन भगवान सूर्य नारायण का दिन हैं. इसलिए यह सोने पर सुहागा वाल बात हो गई हैं. इसलिए ही कल की तिथि में पड़ने वाला भानु सप्तमी व्रत काफी अहम माना जाता हैं.
इस दिन सूर्य देवता की उपासना और पूजा अर्चना आदि की जाती हैं. इससे भगवान सूर्य देवता केशुभ फल की प्राप्ति होती हैं.
आइये अब भानु सप्तमी व्रत रखने की पूजा विधि और इसके महत्व के बारे में भी जान लेते हैं.
भानु सप्तमी व्रत की पूजा विधि
अगर आप भी भानु सप्तमी व्रत रख रहे हैं. तो नीचे बताये गए तरीके से आप पूजा विधि कर सकते हैं.
- सबसे पहले आपको कल यानी रविवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके साफ़ सुथरे वस्त्र धारण कर लेने हैं.
- अब आपको भगवान सूर्य देवता की की प्रतिमा को एक तांबे के पात्र में स्थापित करना हैं.
- अब इस पात्र में कुमकुम, गुलाल, चंदन, अक्षत फुल, अक्षत चावल आदि डाल देने हैं.
- अब भगवान सूर्य देवता को शुद्ध जल अर्पित करना हैं.
- इसके बाद भगवान सूर्य देवता को मिठाई, चना, गुड और फल आदि का भोग लगाना हैं.
- इसके बाद आपको एक तांबे का सिक्का अर्पित करना हैं.
- इतना हो जाने पश्चात् भगवान सूर्य देवता के मंत्र ॐ सूर्याय नम: या फिर ॐ धृणि: सूर्य आदित्य: मंत्र का जाप अपनी इच्छा अनुसार 11,21 या फिर 51 बार करना हैं.
- अब अंत में आपको भगवान सूर्य देवता की आरती करनी हैं और उनके आशीर्वाद लेने हैं.
तो कुछ इस आसान से तरीके से आप भानु सप्तमी व्रत में पूजा विधि कर सकते हैं.
भानु सप्तमी के दिन इन वस्तु का करे दान
भानु सप्तमी व्रत में दान करने का भी महत्व हैं. आप इस दिन लाल चंदन, गुड, गेहूं, कपडे आदि जरूरतमंद लोगो को दान कर सकते हैं.
इसके अलावा आप अपनी श्रद्धा केअनुसार इनमे से कोई भी एक वस्तु का दान कर सकते हैं. भगवान सूर्य नारायण की पूजा के बाद आप स्वयं फलाहार कर सकते हैं.
भानु सप्तमी व्रत के फायदे
भानु सप्तमी व्रत को काफी प्रभावशाली माना जाता हैं. इस व्रत से जातक को काफी सारे फायदे मिलते हैं. इस व्रत से होने वाले कुछ फायदे इस प्रकार हैं.
- इससे जातक का आत्मविश्वास बढ़ता हैं.
- जो जातक भानु सप्तमी व्रत करते है उनके रोग दूर होते हैं. लंबे समय से चल रोग और पीड़ा से मुक्ति मिलती हैं.
- भानु सप्तमी व्रत करके भगवान सूर्य नारायण को सच्चे मन से याद करने से जातक की सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती हैं.
- त्वचा से जुड़ा रोग, नेत्र रोग, अस्थि रोग आदि ठीक होते हैं.
- जिन लोगो का आत्मबलकमजोर होता है उनका आत्मबल मजबूत बनता हैं.
भानु सप्तमी व्रत का महत्व
शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है की भानु सप्तमी व्रत करके भगवान सूर्य देवता की सच्चे मन से पूजा अर्चना करने से जातक को सफलता मिलती हैं. जातक के जीवन में आ रही अडचने दूर हो जाती हैं.
इसके अलावा जो जातक भानु सप्तमी व्रत करते हैं. उनके घर में खुशियां आती हैं. इस दिन को सूर्य देवता को याद करना चाहिए और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होनी चाहिए.