David Warner announces ODI retirement: वनडे क्रिकेट छोड़ रहे दिग्गज सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर ने उस कड़वे अनुभव को साझा किया हैं, जिसकी वजह से विश्व क्रिकेट में तहलका मच गया था. उन्होंने कहा कि 2018 के गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण के बाद उनके कप्तानी करने पर लगे आजीवन प्रतिबंध से बेहतर तरीके से निपटा जा सकता था, लेकिन वह इस मामले से आगे बढ़ गए हैं.
टीम के साथी कैमरन बैनक्रॉफ्ट के पैंट की जेब में सैंडपेपर (रेगमाल) के साथ पकड़े जाने के बाद वॉर्नर के कप्तानी करने पर आजीवन प्रतिबंध लगाया गया था और ऑस्ट्रेलिया ने 2018 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केप टाउन टेस्ट के दौरान गेंद से छेड़छाड़ की बात स्वीकार की थी. जिन तीन क्रिकेटरों को सजा दी गई थी, उनमें तत्कालीन कप्तान स्टीव स्मिथ और बैनक्रॉफ्ट भी शामिल थे. वॉर्नर को सबसे कड़ी सजा मिली थी.
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क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की खिलाड़ियों और कर्मचारियों के लिए आचार संहिता में 2022 में हुए संशोधन के बाद बाएं हाथ के बल्लेबाज वॉर्नर को प्रतिबंध के खिलाफ अपील करनी थी, लेकिन बाद में उन्होंने ऐसा नहीं करने का फैसला किया क्योंकि उन्हें पता चला कि समीक्षा पैनल की सुनवाई सार्वजनिक रूप से की जानी थी.
क्या अब भी कोई कड़वाहट है..?
इस हफ्ते वनडे इंटरनेशनल और टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने वाले वॉर्नर ने कहा, ‘जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो इससे (गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण) अलग तरीके से निपटा जा सकता था, लेकिन मुझे लगता है कि निक (हॉकले, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कार्यकारी) ने इसे बोर्ड के सामने रखने की पूरी कोशिश की और फैसला किया गया और मैं इससे खुश हूं. मैं उससे आगे बढ़ चुका हूं.’ वॉर्नर से पूछा गया था कि क्या अब भी उनके मन में आजीवन नेतृत्व प्रतिबंध और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया द्वारा समीक्षा के तरीके को लेकर कोई कड़वाहट है.
David Warner walks back with his family after a press conference (Getty)
इस 37 साल के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वह पाकिस्तान के खिलाफ बुधवार से एससीजी में शुरू होने वाले तीसरे और अंतिम टेस्ट के बाद सबसे लंबे प्रारूप से संन्यास ले लेंगे. आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और दिल्ली कैपिटल्स (DC) का नेतृत्व कर चुके वॉर्नर ने कहा कि उन्होंने टी20 लीग में नेतृत्व करने का लुत्फ उठाया.
उन्होंने कहा, ‘मुझे आईपीएल, आईएलटी20 में नेतृत्व करने के अवसर मिले हैं. मैंने अपनी नेतृत्व भूमिकाओं का आनंद लिया है.’ वॉर्नर ने कहा, ‘लेकिन हाल के वर्षों में मैंने सीखा है कि नेतृत्व का मतलब कप्तान या उप-कप्तान बनना नहीं है. मेरे लिए, मैं इस टीम में नेतृत्व करता हूं. आपको अपने नाम के आगे कप्तान या उप कप्तान लिखवाने की जरूरत नहीं है.’
गेंद से छेड़छाड़: मुझे कोई पछतावा नहीं है
गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण से क्या सीखा इस बारे में पूछने पर वॉर्नर ने कहा, ‘उस पूरे दौर में अपने पूरे करियर पर विचार करते हुए मुझे कोई पछतावा नहीं है क्योंकि जब आप आगे बढ़ेंगे तो आपके सामने बहुत सारी बाधाएं आएंगी. रास्ते में बाधाएं आएंगी, लेकिन आपको आगे बढ़ना होगा और मैंने सम्मान के साथ ऐसा किया है.’
वॉर्नर ने यह भी खुलासा किया कि अगर उन्होंने रन नहीं बनाए होते तो वह लॉर्ड्स में 2023 एशेज सीरीज के दूसरे मैच के बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के लिए तैयार थे. चयनकर्ताओं ने पहले केवल शुरुआती दो टेस्ट मैच के लिए एशेज टीम का चयन किया था और वॉर्नर तब फॉर्म के लिए संघर्ष कर रहे थे.
‘सीरीज में पाक का सूपड़ा साफ करना चाहता हूं’
वॉर्नर ने कहा कि मौजूदा सीरीज में पाकिस्तान का सूपड़ा साफ करना शानदार होगा. उन्होंने कहा, ‘इस अंत तक पहुंचना शानदार है, लेकिन यह मेरे बारे में नहीं है, यह हमारे बारे में है. हमने (पाकिस्तान के खिलाफ) सीरीज जीत ली है, लेकिन 3-0 से जीतना और यहां सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (SCG) में सूपड़ा साफ करना बहुत अच्छी बात होगी. हम इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि यह टीम पिछले 18 महीनों में कितना अच्छा खेल रही है.’
भारत में 50 ओवरों के विश्व कप की जीत के बारे में उन्होंने कहा, ‘हम जिस स्थिति में थे वहां से जीतना बेहद शानदार था. टीम के अंदर सब कुछ बहुत शांत था. हम अपनी क्षमता के अनुसार सर्वश्रेष्ठ ट्रेनिंग करके खुद को तैयार करते थे और फिर मैदान पर प्रदर्शन करते थे.’
उन्होंने कहा, ‘कभी भी कोई अतिरिक्त दबाव नहीं था. जब हम भारत में (विश्व कप में) लगातार दो मैच हार गए तो एक-दूसरे के साथ संबंध मजबूत हो गए. हम संयोग से वहां (खिताब जीतना) नहीं पहुंचे.’ वॉर्नर ने कहा कि उन्होंने अपना सर्वश्रेठ दिया है इसलिए उनकी कोई इच्छा नहीं है कि वह कुछ अलग कर पाते।
करियर के पसंदीदा पल का भी जिक्र किया
उन्होंने एशेज जीत के अलावा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2014 की टेस्ट सीरीज जीत को अपने करियर का पसंदीदा पल बताया. पाकिस्तान के खिलाफ 2017 में एससीजी में एक सत्र में उनके 100 रन और 2019 में पाकिस्तान के खिलाफ नाबाद 335 रन वॉर्नर की पसंदीदा पारियां हैं.
उन्होंने अपने करियर में सबसे कठिन गेंदबाज के रूप में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज डेल स्टेन को चुना. वॉर्नर ने यह भी संकेत दिया कि निकट भविष्य में राष्ट्रीय टीम के और भी साथी संन्यास ले सकते हैं.