बिहार के शिक्षा मंत्री केके पाठक ने बुधवार को एक नया आदेश जारी किया है, जिसमें राज्य के सभी शिक्षकों को स्कूल परिसर में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस आदेश के अनुसार, कोई भी शिक्षक स्कूल के किसी भी परिसर में, चाहे वह कक्षा, कार्यालय, या खेल का मैदान हो, मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकता है।
इस आदेश का उद्देश्य छात्रों की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने और शिक्षकों के अनुशासन में सुधार करना है। शिक्षा मंत्री का मानना है कि स्कूल में मोबाइल फोन का इस्तेमाल शिक्षकों की एकाग्रता को भंग कर सकता है, जिससे छात्रों की शिक्षा प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा, मोबाइल फोन का इस्तेमाल शिक्षकों के द्वारा गलत गतिविधियों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे कि सोशल मीडिया पर व्यस्त रहना, या निजी बातें करना।
इस आदेश के तहत, किसी भी शिक्षक को स्कूल परिसर में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए पकड़े जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। शिक्षक को पहली बार में चेतावनी दी जाएगी, लेकिन दूसरी बार में उसे निलंबित कर दिया जाएगा।
इस आदेश का शिक्षकों और अभिभावकों ने स्वागत किया है। शिक्षकों का कहना है कि यह आदेश छात्रों की शिक्षा को बेहतर बनाने में मदद करेगा। अभिभावकों का कहना है कि यह आदेश शिक्षकों के अनुशासन में सुधार करेगा और छात्रों को बेहतर पढ़ाई करने के लिए एक अनुकूल वातावरण प्रदान करेगा।
हालांकि, कुछ शिक्षकों का कहना है कि यह आदेश अनावश्यक है। उनका कहना है कि मोबाइल फोन एक महत्वपूर्ण उपकरण है, जिसका इस्तेमाल शिक्षक कई तरह से कर सकते हैं, जैसे कि छात्रों को ऑनलाइन सामग्री उपलब्ध कराना, या उन्हें नई तकनीकों से परिचित कराना।
कुल मिलाकर, बिहार में शिक्षकों के लिए मोबाइल के इस्तेमाल पर लगाए गए नए प्रतिबंध को छात्रों की शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।