वाराणसी – ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में हुए सर्वेक्षण की रिपोर्ट अदालत में पेश कर दी गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि सर्वेक्षण के दौरान परिसर में कई महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्वेक्षण के दौरान परिसर में एक शिवलिंग मिला है। शिवलिंग वजूखाने में मिला है, जो मस्जिद के भीतर स्थित है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सर्वेक्षण के दौरान परिसर में कई अन्य साक्ष्य भी मिले हैं, जो हिंदू धर्म से जुड़े हैं। इनमें मंदिर के खंडहर, देवी-देवताओं की मूर्तियां और शिलालेख शामिल हैं।
रिपोर्ट के आधार पर, हिंदू पक्ष ने मांग की है कि मस्जिद को तोड़कर वहां मंदिर का निर्माण किया जाए। वहीं, मुस्लिम पक्ष ने इस मांग का विरोध किया है।
मामले की अगली सुनवाई 26 जनवरी को होगी। इस सुनवाई में कोर्ट रिपोर्ट पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनेगी।
ज्ञानवापी मामले के प्रमुख घटनाक्रम
- 1991: ज्ञानवापी मस्जिद में पूजा-पाठ की अनुमति मांगने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई।
- 2020: सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को सिविल जज सीनियर डिवीजन, वाराणसी की अदालत में स्थानांतरित कर दिया।
- 2021: अदालत ने मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया।
- 2022: अदालत ने सर्वेक्षण को रोकने की मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी।
- 2023: सर्वेक्षण का काम पूरा हो गया।
- 2024: सर्वेक्षण रिपोर्ट अदालत में पेश की गई।
ज्ञानवापी मामले पर लोगों की प्रतिक्रिया
ज्ञानवापी मामले पर लोगों की प्रतिक्रियाएं अलग-अलग हैं। कुछ लोग मानते हैं कि सर्वेक्षण रिपोर्ट से साबित हो गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद एक हिंदू मंदिर था। वहीं, कुछ लोग मानते हैं कि रिपोर्ट में कोई ठोस सबूत नहीं है।
हिंदू पक्ष के समर्थकों का कहना है कि सर्वेक्षण रिपोर्ट से साबित हो गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद एक हिंदू मंदिर था। उन्होंने मांग की है कि मस्जिद को तोड़कर वहां मंदिर का निर्माण किया जाए।
मुस्लिम पक्ष के समर्थकों का कहना है कि सर्वेक्षण रिपोर्ट में कोई ठोस सबूत नहीं है। उन्होंने मांग की है कि मस्जिद को नहीं तोड़ा जाना चाहिए। ज्ञानवापी मामला एक संवेदनशील मुद्दा है। इस मामले पर लोगों की प्रतिक्रियाएं अलग-अलग होने के कारण, इस मामले का निपटारा करना मुश्किल हो सकता है।