छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में स्थित शिवरीनारायण मंदिर एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है। मान्यता है कि भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान यहां शबरी के जूठे बेर खाए थे।
शिवरीनारायण मंदिर के परिसर में एक अक्षय वट वृक्ष है। यह पेड़ अपने आकार और पत्तों के लिए प्रसिद्ध है। इस पेड़ के पत्ते दोने के आकार के होते हैं। मान्यता है कि माता शबरी ने इसी पत्ते में भगवान राम को जूठे बेर खिलाए थे।
इस पेड़ को लेकर कई चमत्कार भी प्रचलित हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस पेड़ के पत्तों को किसी भी जगह लगाया जाए तो वह वृक्ष बन जाता है।
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शिवरीनारायण मंदिर में हर साल माघी पूर्णिमा पर मेला लगता है। इस मेले में देशभर से लाखों श्रद्धालु आते हैं।
शिवरीनारायण मंदिर छत्तीसगढ़ की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह मंदिर भगवान राम और माता शबरी के प्रेम और भक्ति का प्रतीक है।