Open- ended vs Close ended Mutual Fund: पिछले कुछ सालो में काफी लोगो ने म्यूचुअल फंड में निवेश करना पसंद किया हैं. क्योंकि म्यूचुअल फंड में अन्य जगह पर निवेश करने की तुलना में अधिक रिटर्न मिलता हैं. इसके अलावा आज के समय में लोग म्यूचुअल फंड पर भरोसा भी करते हैं.
MNC कंपनियों के द्वारा विभिन्न प्रकार के काफी सारे म्यूचुअल फंड आज के समय में उपलब्ध हैं. इसमें से दो म्यूचुअल फंड ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड और क्लोज एंडेड म्यूचुअल फंड काफी पॉपुलर हैं. लेकिन इन दोनों म्यूचुअल फंड में काफी अंतर हैं। आप लोग भी म्यूचुअल फंड में निवेश करना पसंद करते हैं. तो इससे पहले आपको जान लेना चाहिये की ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड और क्लोज एंडेड म्यूचुअल फंड दोनों में क्या अंतर हैं.
इसके अलावा इन दोनों में से किस में निवेश करने से आपको फायदा हो सकता हैं. इन दोनों म्यूचुअल फंड में से किस म्यूचुअल फंड में आपको अधिक सुविधा मिल सकती हैं. जानने के लिए इस पोस्ट को अंततक जरुर पढ़े.
क्या होता है ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड
सबसे पहले हम ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड के बारे में जान लेते है. अगर बात की जाए ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड के बारे में तो यह इसमें अगर आप निवेश करते हैं. तो आप साल भर में में कभी भी निवेश कर सकते हैं.
ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड में आपको शेयर ट्रांसफर की सुविधा मिल जाती हैं. यानी की शेयर ट्रांसफर में आप पर कोई भी रोक नही लगाई जाती हैं. इस कारण से निवेशको को इसमें अधिक लिक्विडिटी मिल जाती हैं.
ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड की एक ख़ास बात यह है की इसमें नेट एसेट वैल्यू (NAV) दिन के अंत में समायोजित कर दी जाती हैं. लेकिन अधिकतर ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड में मेच्युरिटी पीरियड नही होती हैं. लेकिन इसमें भी ELSS में 3 वर्ष का लॉक इनपीरियड जरुर होता हैं.
क्या होता है क्लोज एंडेड म्यूचुअल फंड
अब बात करते है क्लोज एंडेड म्यूचुअल फंड के बारे में अगर देखा जाए तो ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड और क्लोज एंडेड म्यूचुअल फंड में काफी अंतर देखने को मिल सकता हैं. क्लोज एंडेड म्यूचुअल फंड में एक फिक्स लॉक इन पीरियड तय किया जाता हैं.
यह एक प्रकार के ऐसे फंड है जिसमे यूनिट्स फिक्स होते हैं. NFO के द्वारा इसकी संख्या को तय किया जाता हैं. एक बार संख्या को तय करने के बाद इसके यूनिट्स में कोई भी फेर बदल नही हो सकता हैं.
क्लोज एंडेड म्यूचुअल फंड में फंड्स को शेयर में मार्केट में लिस्टेड किया जाता हैं. इसके बाद ही निवेशक क्लोज एंडेड म्यूचुअल फंड में अपना निवेश या ट्रेड कर सकते हैं.
ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड और क्लोज एंडेड म्यूचुअल फंड में क्या अंतर होता है.
इन दोनों के अंतर के बारे में हमने नीचे टेबल के माध्यम से जानकारी दी हैं.
ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड | क्लोज एंडेड म्यूचुअल फंड |
अगर आप ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं. तो आप कभी भी इसमें निवेश कर सकते हैं और कभी भी निकासी कर सकते हैं. | वही क्लोज एंडेड म्यूचुअल फंड के बारे में बात करे तो एक तय गई अवधि के बाद ही आप अपने निवेश की निकासी कर सकते हैं. |
ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड में आप SIP के जरिये अपना निवेश कर सकते हैं. | क्लोज एंडेड म्यूचुअल फंड में आपको लंपसम के आधार पर निवेश करना होता हैं. |
ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर आपको एक्सपेंस अधिक हो सकता है. यानी की इसका एक्सपेंस रेश्यो ज्यादा होता हैं. | क्लोज एंडेड म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर आपको कम एक्सपेंस लगता हैं. इसका एक्सपेंस रेश्यो काफी कम हैं. |
ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड में आपको ट्रेंडिंग करने की सुविधा नही मिलती हैं. इसमें आप ट्रेंडिंग नही कर सकते हैं. | वही आप क्लोज एंडेड म्यूचुअल फंड में आसानी से ट्रेंडिंग कर सकते हैं. अगर आप ट्रेंडिंग करना चाहते हैं. तो आपको क्लोज एंडेड म्यूचुअल फंड का चुनाव करना चाहिए. |
तो यह कुछ ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड और क्लोज एंडेड म्यूचुअल फंड के बीच का अंतर था. आप इन दोनों के बीच का अंतर देखेते हुए अपने अनुसार की एक म्यूचुअल फंड का चुनाव कर सकते हैं.
किसमें निवेश करना होगा फायदेमंद
अगर देखा जाए तो इन दोनों म्यूचुअल फंड में काफी अंतर हैं. अगर आप ट्रेंडिंग करना चाहते हैं. तो ऐसे में आपको क्लोज एंडेड म्यूचुअल फंड का चुनाव करना चाहिए. इसके अलावा अगर आप कम एस्क्पेंस चाहते है. तो इसके लिए भी क्लोज एंडेड म्यूचुअल फंड अच्छा माना जाता हैं.
इन दोनों म्यूचुअल फंड में लिक्विडिटी, रिस्क और एक्सपेंस के रेश्यो में काफी अंतर देखने को मिल रहा हैं. आप इन दोनों के बीच का अंतर देखते हुए अपने अनुसार किसी भी एक म्यूचुअल फंड का चुनाव कर सकते हैं।