आप सभी यह तो जान गए कि राम मंदिर में स्थापित होने वाली मूर्ति किसने बनाई लेकिन क्या आप जानते हैं कि मूर्ति का संगमरमर से बना खूबसूरत सिंहासन किसने तैयार किया? नहीं जानते न! चलिए हम बताते हैं और इस राज से पर्दा भी उठाते हैं. यह आलीशान सिंहासन तैयार किया है राजस्थान के मस्लिम कारीगर ने.
इस कारीगर का नाम है मोहम्मद रमजान जिसने न सिर्फ सिंहासन बनाया है बल्कि श्रीराम मंदिर के गर्भगृह की दीवारों, छत्तों, दरवाजों, फर्श और सीढ़ियों पर भी मनमोह लेने वाली अलग-अलग कलाकृतियां बनाई हैं.मोहम्मद रमजान राजस्थान के नागौर जिले के मकराना के रहने वाले हैं. वह पिछले 25 सालों से राम मंदिर के लिए मकराना के मार्बल्स पत्थर के लिए काम कर रहे थे.
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गोपनीय चल रहा था काम, लगे थे 700 कारीगर
मोहम्मद रमजान काम में उनके 650 से लेकर 700 कारीगर लगे हुए थे. यह सभी पत्थरों पर नक्काशी का काम कर रहे थे लेकिन इनमे किसी को नहीं पता था कि यह काम राम मंदिर के लिए चल रहा है. इसकी जानकारी केवल मोहम्मद रमजान को ही थी. दरअसल, अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए मकराना के मार्बल का उपयोग होना था. इसके लिए विश्व हिन्दू परिषद तथा मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने करीब 25 वर्ष पहले मकराना में कई खदानों का और कारीगरों के पास जाकर सर्वे किया था.
मोहम्मद रमजान को दी गई थी जिम्मेदारी
विश्व हिन्दू परिषद तथा मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी अच्छी क्वालिटी की मार्बल और डिजाइनर के लिए कई मार्बल कारोबारी से मिले थे. आखिर में उन्होंने मोहम्मद रमजान को श्री राम मंदिर में डिजाइनर और श्रीराना मार्बल खदान का मार्बल लगाने का फैसला लिया था. इसके लिए शर्त रखी गई थी कि यह सारा काम गोपनीय रहेगा. मोहम्मद रमजान ने बताया कि उन्हें श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए डिजाइनर के रूप में कार्य करने का मौका मिला. इसके लिए मैं खुद को बहुत ही सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं.
राम मंदिर की डिजाइन और नक्शे को लीक नहीं करने की मिली थी हिदायत
वह बताते हैं कि राम मंदिर की डिजाइन और नक्शे को कहीं भी लीक नहीं करने की उन्हें हिदायत मिली थी. मोहम्मद रमजान ने इस जिम्मेदारी बखूबी निभाया. उन्होंने किसी को भी मालूम नहीं होने दिया कि ये मार्बल की जो डिजाइन की जा रही है वो अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण में उपयोग में ली जायेगी. यहां तक कि परिवार के दो सदस्यों के अलावा किसी को भी इसके बारे में भनक तक नहीं थी. वह बताते हैं कि पूरे मंदिर में मार्बल के पत्थरों पर जो डिजाइन की गई है उसमें करीब डेढ़ साल का समय लगा. इस काम को करीब 700 मजदूरों ने मिलकर अंजाम दिया.
गर्भगृह के सिंहासन बनाने की मिली जिम्मेदारी
वह बताते हैं कि राम मन्दिर निर्माण के फैसले से कुछ समय बाद ही एक बैठक का आयोजन किया गया था. बैठक में उन्हें भी बुलाया गया था और मंदिर निर्माण के लिए जिम्मेदारी दी गई थी. उन्हें गर्भगृह में स्थापित होने वाली रामलाल प्रतिमा के लिए सिंहासन बनाने की भी महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली. इसके बाद से ही रमजान के परिवार में खुशी की लहर थी. मोहम्मद रमजान ने अपनी कलाकृति से श्रीराम मंदिर के गर्भगृह की दीवारों, छत्तों, दरवाजों, फर्श तथा सीढ़ियों पर अलग-अलग कलाकृतियां बनाई.
प्राण प्रतिष्ठा का मिला निमंत्रण
22 जनवरी को अयोध्या में भव्य राम मंदिर के उद्घाटन और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इस भव्य आयोजन में देश के गणमान्य लोगों को शामिल होने के लिए निमंत्रण दिया गया है. मोहम्मद रमजान को भी श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए निमंत्रण भी मिला है. वह शनिवार को वो श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने के लिए मकराना से रवाना होंगे.