अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर कांग्रेस के अंदर भी मतभेद हैं। कुछ नेता समारोह में शामिल होने के पक्ष में हैं, जबकि कुछ इसका विरोध कर रहे हैं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस सवाल पर पहली बार पत्रकारों के सवाल का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि यह एक व्यक्तिगत मामला है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपने धार्मिक विश्वासों के आधार पर इस समारोह में शामिल हो सकता है या नहीं।
राहुल गांधी के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस इस मामले पर कोई एक लाइन नहीं लेगी। पार्टी के अलग-अलग नेता अपने-अपने हिसाब से इस समारोह में शामिल होने या न होने का फैसला करेंगे।
कांग्रेस के जिन नेताओं ने राम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने की बात कही है, उनमें मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण शामिल हैं।
इन नेताओं का कहना है कि राम लला की प्राण प्रतिष्ठा एक ऐतिहासिक घटना है। यह हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। इसलिए, उन्हें इस समारोह में शामिल होना चाहिए।
दूसरी ओर, कांग्रेस के जिन नेताओं ने इस समारोह का विरोध किया है, उनमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम, पूर्व केंद्रीय मंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद शामिल हैं।
इन नेताओं का कहना है कि राम लला की प्राण प्रतिष्ठा एक राजनीतिक घटना है। यह हिंदुत्ववादी ताकतों द्वारा चलाया जा रहा एक अभियान है। इसलिए, कांग्रेस को इस समारोह में शामिल नहीं होना चाहिए।
अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी, 2024 को होगा। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य कई बड़े नेता शामिल होंगे।