दिल्ली NCR के लोगों को हवाई यात्रा के लिए हर बार Indira Gandhi Airport पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. क्योंकि जेवर हवाई अड्डे के निर्माण कार्य को जल्द आखिरी जामा पहनाया जा सकता है. जेवर में बन रहे नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इसी साल सितंबर से उड़ानों का परिचालन शुरू हो सकता है. Jewar Airport के पहले चरण के विकास पर कुल 10 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे.
इसमें से अबतक 7100 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं. हवाई अड्डे का पहला चरण 1300 हेक्टेयर में विकसित हो रहा है. नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ानों का परिचालन करने वाली एयरलाइंस को एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर बहुत कम टैक्स देना होगा.
सस्ता पड़ेगा उड़ान
उत्तर प्रदेश सरकार ने ATF पर वैट की दर घटाकर 1 परसेंट कर दी है. जबकि दिल्ली, हरियाणा आदि राज्यों में वैट की दर 25 परसेंट है. एयरलाइंस कंपनियों का 40 फीसदी खर्च ATF पर ही होता है. ऐसे में नए हवाई अड्डे से अधिक उड़ानों का परिचालन होने की संभावना है. नोएडा के जेवर में आगामी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पहले चरण के विकास पर 10,056 करोड़ रुपये खर्च होंगे. अधिकारियों ने बताया कि इसमें अभी तक 7,100 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं.
सितंबर तक काम होगा पूरा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव एस पी गोयल ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर निर्माण की प्रगति की समीक्षा की है. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को इस साल सितंबर तक काम पूरा करने का निर्देश दिया है.
गोयल ने इस नए हवाई अड्डे को बनाने वाली ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL) के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस एयरपोर्ट के चालू होते ही इंडिगो अपनी फ्लाइट शुरू कर देगी, क्योंकि उसने सरकार के साथ एमओयू साइन कर लिया है.