भारत एक विकासशील देश और संवेदन शील देश है। जिसके ऊपर पूरी दुनिया नजर बनाए बैठी है। भारत के पास सिर्फ नरेंद्र मोदी जैसा एक ग्लोबल लीडर मौजूद नहीं है बल्कि उनके पास दो और बड़े सितारे हैं। नरेंद्र मोदी के साथ अमित शाह ने पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ी है। नरेंद्र मोदी और अमित शाह के साथ विदेश में भारत की कूटनीतिक जीत के पीछे भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का काफी बड़ा हाथ है। हाल ही में भारतीय विदेश मंत्री ने पूरी दुनिया के सवालों के जवाब देते हुए विश्व में भारत की कूटनीतिक जीत एक बार फिर से दर्ज कराई है।
इसराइल-फिलिस्तीन मुद्दे पर एस जयशंकर की दो टूक
हाल ही में म्यूनिख में सुरक्षा सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें भारत अमेरिका और जर्मनी जैसे कई देश के विदेश मंत्री मौजूद थे। इस दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इजराइल-फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत दिलाई है। आपको तो मालूम है, भारत हमेशा से शांति प्रस्ताव पर बातचीत करता है। भारत के लिए इसराइल-फिलिस्तीन दोनों के संबंध काफी ज्यादा जरूरी है। इस बीच भारतीय विदेश मंत्री ने दोनों से संबंध में कोई भी आंच ना आने देते हुए विदेश में एक बार फिर से भारत की डिप्लोमेटिक जीत दिलाई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फिलिस्तीन इसराइल मुद्दे पर दो राष्ट्र समाधान का ऐलान किया है। जिस पर सभी विदेश मंत्रियों की सहमति बनी है।
एस जयशंकर ने अपने बयान में क्या कहा
इजरायल की सेना हमास में आम नागरिकों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसे में अब इजरायल की सेना को मानवीय नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। जयशंकर ने बयान देते हुए कहा है कि इजराइल में हमास के द्वारा 7 सितंबर को हुआ हमला सिर्फ आतंकवाद है। दूसरा की इसराइल को हमास के नागरिकों पर हताहत को लेकर सावधान रहना चाहिए।
तीसरा कि दोनों देश से बंधकों की रिहाई अनिवार्य है। साथ में चौथा की राहत प्रदान करने के लिए मानवीय गलियारे की जरूरत है। ऐसे में इन बयान के साथ जयशंकर ने दो राष्ट्र समाधान का जिक्र किया है। जिसके कारण फिलिस्तीन और इसराइल दोनों से संबंध और भी ज्यादा बेहतर होने की उम्मीद है।
जयशंकर ने पहले भी भारत को दिलाई कूटनीतिक जीत
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने समय-समय पर भारत को कूटनीतिक जीत दिलाई है। जयशंकर ने एक समय पर यूएन में स्थाई सदस्यता ना पाने पर आपत्ति भी दिखाई थी। जयशंकर के डिप्लोमेटिक फैसले की वजह से रूस-यूक्रेन युद्ध में भारतीय छात्रों की वापसी हुई। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के दौरान भारतीय नागरिकों की भारत वापसी स्पेशल ऑपरेशन चलाकर की गई।
इसके अलावा सबसे बड़ी सफलता हाल ही में कतर से 8 पूर्व नौसैनिकों अफसरों की फांसी पर रोक लगवाते हुए भारत में वापसी करवाई है। ऐसे में नरेंद्र मोदी और अमित शाह के साथ भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का नाम पूरी दुनिया में अलग मुकाम पर पहुंच रहा है। और कुछ बड़े फैसलों के कारण भारतीय विदेश मंत्री ने दुनिया में अपनी छाप छोड़ दी है।