भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है, साल 2022 की तुलना में बीते साल 2023 में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री का आंकड़ा 1.53 मिलियन यूनिट्स तक पहुंच गया है. EV की बिक्री में पूरे 50 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. EV के बढ़ते डिमांड के चलते इंडियन मार्केट पर बहुतायत विदेशी कंपनियों की नज़रें गड़ी हुई हैं.
अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार कंपनी Tesla भारत में एंट्री की योजना बना रही है. इसी बीच वियतनाम की प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी विनफ़ास्ट (VinFast) ने एक ऐतिहासिक क्षण को चिह्नित करते हुए आधिकारिक तौर पर भारत के तमिलनाडु राज्य में अपनी पहली इंटीग्रेटेड इलेक्ट्रिक वाहन (EV) मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की शुरुआत कर दी है.
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वियतनामी इलेक्ट्रिक कार निर्माता ने राज्य सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने के ठीक 50 दिन बाद तमिलनाडु के थूथुकुडी में अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का निर्माण शुरू किया है. इस प्लांट के पास में एक बंदरगाह भी है, जो कि विनफ़ास्ट को इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्यात को बढ़ावा देने में भी मदद कर सकता है.
VinFast के प्लांट के लिए भूमि-पूजन समारोह में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री थिरु एम.के. स्टालिन और तमिलनाडु सरकार के उद्योग मंत्री थिरु डॉ. टी.आर.बी. राजा, थिरु वी. अरुण रॉय आईएएस, उद्योग सचिव और सदस्यों सहित अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हुए. भूमि-पूजन का कार्यक्रम बड़े ही जोर शोर के साथ किया गया और इसी के साथ आधिकारिक तौर पर एक बड़ी योजना के साथ विनफास्ट ने भारत में अपना पहला कदम रख दिया है.
तगड़ा निवेश और रोजगार:
तमिलनाडु राज्य उद्योग संवर्धन निगम (SIPCOT) के इंडस्ट्रियल एस्टेट के भीतर 400 एकड़ में फैले विशाल इलेक्ट्रिक वाहन प्लांट का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. दावा किया जा रहा है कि, अगले 5 वर्षों में तकरीबन 500 मिलियन डॉलर का निवेश किया जाएगा और इस दौरान लगभग 3,500 रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में विनफ़ास्ट की स्थिति और मजबूत होगी.
इस प्लांट की वार्षिक उत्पादन क्षमता 1,50,000 वाहनों की होने का अनुमान है, जो भारतीय ईवी बाजार में महत्वपूर्ण योगदान देगी. VinFast का कहना है कि, कंपनी का लक्ष्य लोकल मॅन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देते हुए, ‘मेक इन इंडिया’ पहल के साथ जुड़ने और क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है.
कैसी है VinFast कंपनी:
VinFast के फाउंडर और CEO फाम नहत वुओंग (Pham Nhat Vuong) को भारतीय बाजार से काफी उम्मीदे हैं. वुओंग, अपने देश वियतनाम के पहले बिलेनियर और पैरेंट कंपनी विनग्रुप ज्वाइंट स्टॉक कंपनी के फाउंडर और चेयरमैन भी हैं. Vingroup, वियतनाम का सबसे बड़ा उद्योगिक ग्रुप है, जो टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री, रियल एस्टेट, रिटेल और स्वास्थ्य सेवा से लेकर हॉस्पिटैलिटी तक के बिजनेस में प्रमुख नाम है. इस ग्रुप की स्थापना 1993 में यूक्रेन में प्रॉपर्टी डेवलपर और उद्यमी वुओंग द्वारा टेक्नोकॉम के रूप में की गई थी और यह मूल रूप से खाद्य उत्पादों का उत्पादन कर रही थी.
इंस्टेंट नूडल्स से शुरुआत:
साल 1990 के दशक में, यूक्रेन में रहते हुए, फाम नहत वुओंग ने दोस्तों और परिवार से पैसे लेकर इंस्टेंट नूडल रेस्टूरेंट का बिजनेस शुरू किया. जल्द ही उन्होंने इंस्टेंट नूडल्स की मैन्युफैक्चरिंग और बिक्री भी शुरू कर दी. साल 1993 में, उन्होंने टेक्नोकॉम (Technocom) की स्थापना की, जो यूक्रेन में डिहाइड्रेटेड कुलीनरी प्रोडक्ट के बाजार में एक बड़ा नाम बन गई.
बाद में वियतनाम लौटने से पहले वांग ने 2009 में टेक्नोकॉम को नेस्ले (Nestle) को 150 मिलियन डॉलर में बेच दिया. इसके बाद वियतनाम में वुओंग ने एक नया प्रोजेक्ट शुरू किया और रियल एस्टेट के बिजनेस में उतर गएं. आज वह रियल एस्टेट, रिटेल और स्वास्थ्य सेवा सहित अन्य क्षेत्रों में अग्रणी सबसे बड़े समूह विंगग्रुप के अध्यक्ष हैं.
इलेक्ट्रिक कार बाजार में एंट्री:
Vingroup ने साल 2017 में इलेक्ट्रिक व्हीकल बिजनेस में एंट्री की और VinFast के नाम से नई इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता के तौर पर एक नई कंपनी की शुरुआत की. कंपनी ने दुनिया की मशहूर कार निर्माताओं पिनिनफेरिना, बीएमडब्ल्यू और मैग्ना स्टेयर की मदद से अपने मॉडल डिजाइन किए और 2018 पेरिस मोटर शो में भाग लिया. विनफ़ास्ट का दावा है कि यह वियतनाम में पहला वॉल्यूम ऑटोमोटिव निर्माता होगा और साथ ही एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय ऑटो शो में भाग लेने वाला पहली वियतनामी कार कंपनी है.
Tesla और BYD को छोड़ा पीछे:
दुनिया की सबसे बड़ी दो प्रमुख इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनियों अमेरिका की Tesla और चीनी कंपनी बिल्ड योर ड्रीम (BYD) को पछाड़ते हुए विनफ़ास्ट ने भारत में सबसे पहले अपने प्लांट की शुरुआत की है. जहां BYD और Tesla को अब तक लोकल प्रोडक्शन के लिए जमीन नहीं मिली है वहीं विनफास्ट के प्लांट का निमार्ण कार्य शुरू हो चुका है, जो कि अगले कुछ सालों में पूरा हो जाएगा और कंपनी भारत में स्थानीय उत्पादन भी शुरू कर देगी.
BYD का प्लांट लगाने का प्लान रिजेक्ट:
चीनी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी बिल्ड योर ड्रीम ने हाल ही में दुनिया भर में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री के मामले में अपने सबसे निकट्तम प्रतिद्वंदी Tesla को पछाड़ते हुए नंबर वन की पोजिशन हासिल की थी. बीते साल कंपनी ने भारत में अपना प्लांट लगाने के लिए 1 बिलियन डॉलर निवेश का प्रस्ताव भी दिया था, जिसे केंद्र सरकार ने ठुकरा दिया था. कंपनी इस प्लांट में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण के साथ ही बैटरियों की भी मैन्युफैक्चरिंग करना चाहती थी. अगले महीने कंपनी अपनी इलेक्ट्रिक सेडान कार BYD Seal को भारतीय बाजार में लॉन्च करने की योजना बना रही है.
कहां तक पहुंचा Tesla का प्लान:
अमेरिकी कंपनी Tesla इंडियन रोड्स के काफी करीब होती नज़र आ रही है. एलन मस्क की कंपनी Tesla Inc. भारत के साथ एक डील फाइनल करने के काफी नजदीक है और यदि सबकुछ सही रहा हो तो अगले एक साल के भीतर इंडियन रोड्स पर टेस्ला की कारें दौड़ती नजर आएंगी. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि, भारत अमेरिकी वाहन निर्माता टेस्ला इंक के साथ एक समझौते को अंतिम रूप देने के कगार पर है, जिसके तहत कंपनी अगले साल से देश में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को आयात करने और दो साल की अवधि के भीतर एक फैक्ट्री स्थापित करने की सहूलियत मिलेगी.
Tesla की इंडिया एंट्री का इंतज़ार लंबे समय से हो रहा है और बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे पर टेस्ला के सीईओ एलन मस्क और पीएम मोदी की मुलाकात ने इस चर्चा को और भी हवा दी थी. जिसके बाद एलन मस्क ने भारत में Tesla की कारों को उतारने और प्लांट लगाने की बात कही थी. हालांकि भारत में टेस्ला का प्लांट कहा लगेगा अभी ये निर्णय नहीं लिया जा सका है, लेकिन गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु राज्यों को उनके बुनियादी ढांचे को देखते हुए प्लांट लगाने की योजना पर विचार किया जा रहा है.