गूगल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म जिसका पहले नाम बार्ड था और हाल में ही इसे जेमिनी कर दिया गया है उसने पीएम मोदी के इस जुडे एक सवाल में बेबुनियाद आरोप लगाया है | इसके बाद उसे कुछ नोटिस भेजा जा सकता है|
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसर सोशल मीडिया X यूजर के पोस्ट की प्रतिक्रिया में चन्द्रशेखर ने या संकेत दिया कि इसके खिलाफ सरकार कदम उठा सकती है | ये कहा कि ये नियम आईडी 3 सेक्शन 1बी और अप्राधिकरण कानून की सीमा का उल्लंघन है|
तो क्या है पूरा मामला
श्रीमॉय नाम की एक व्यक्ति ने ट्वीट फॉरवर्ड किया था जिसमें उसने कहा था कि जैमिनी से मोदी को लेकर सवाल किया गया था कि क्या मोदी फासीवादी है तो उसका जवाब हां था उसने कहा था कि उन पर ऐसी नीतियां लागू करने का आरोप है जिन्हें उन्हें कुछ लोग फासीवादी मानते हैं।
वही डोनाल्ड ट्रंप और राष्ट्रपति के बारे में इस तरह के सवाल करने पर उन्होंने कोई साफ-साफ जवाब नहीं दिया उसका जवाब था कि ये सवाल जो जटिल है और इसका कोई सीधा-साफ जवाब नहीं दिया जा सकता हैै।
सुत्रों के हवाले से यह खबर है कि इस मामले को लेकर गूगल को नोटिस भेजा जा सकता है सरकार सवाल कर रही है एआई को किस तरह से ट्रेन किया गया है।