INDIA VS ENGLAND: भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ 25 जनवरी से शुरू हुई, सीरीज़ की शुरुआत के बाद से सबसे बड़ा सवाल यह था कि क्या इंग्लैंड उसी बेज़बॉल दृष्टिकोण के साथ खेल सकता है,पहले मैच में ओली पोप के 191 और हार्टले के 7 विकेट की मदद से भारत ने पहले टेस्ट में भारत को हरा दिया, जिससे विशेषज्ञ गलत साबित हो रहे हैं, जो तर्क देते हैं कि इंग्लैंड उस तरह से नहीं खेल सकता जैसा वे खेला करते थे जैसे वे SENA देशों में करते हैं|
रोहित और उनकी भारतीय टीम के बारे में प्रश्न:
अब सवाल भारत पर केंद्रित हो गया है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उनके कप्तान रोहित शर्मा विशेषज्ञों ने तर्क दिया कि भारत अब पहले जैसी टेस्ट टीम नहीं है, वे बैज़बॉल को नहीं हरा सकते और रोहित के बारे में कि वह अच्छे कप्तान नहीं हैं।
रोहित ने किया अपने आलोचकों का मुंह बंद :
पहले टेस्ट मैच के बाद दूसरे टेस्ट में भारत अपने कई खिलाड़ियों के बिना खेल रहा था लेकिन रोहित ने अपनी शानदार कप्तानी से सभी को गलत साबित कर दिया और भारत एक युवा टीम के साथ इंग्लैंड को हराने में सफल रहा,एक पक्ष जो बिना विराट, राहुल, शमी, जड़ेजा के था|
रोहित ने अपने बल्ले को बोलने दिया :
तीसरा टेस्ट शुरू होने के साथ ही भारत ने जडेजा को टीम में वापस ले लिया, लेकिन श्रेयस अय्यर को बल्ले से खराब प्रदर्शन के कारण टीम से बाहर कर दिया गया, इसलिए तकनीकी रूप से तीसरे टेस्ट में भारत ने दो डेब्यूटेंट खिलाड़ियों के साथ खेला सरफराज खान और ध्रुव जुरेल |इस बार सवाल यह नहीं था क्या भारत यह मैच जीतेगा या नहीं क्योंकि दूसरे मैच में वह युवा टीम के दम पर इंग्लैंड को हरा चुके हैं, सवाल यह था कि क्या रोहित शर्मा इस मैच में रन बनाएंगे या नहीं,क्योंकि टेस्ट सीरीज के पहले दो मैचों में रोहित बड़े रन नहीं बना पाए थे, लेकिन तीसरे टेस्ट की पहली पारी में रोहित ने बेहतरीन पारी खेलकर सभी को गलत साबित कर दिया। 131 रन बनाए, वह भी तब जब भारतीय टीम 33-3 रन पर थी, उन्होंने जडेजा के साथ 200+ रनों की अच्छी साझेदारी की, जिससे भारत ने अंततः इंग्लैंड को 434 रनों के बड़े अंतर से हरा दिया।
निष्कर्ष :
अब बाकी दो मैचों (एक रांची में और दूसरा धर्मशाला में) में जो भी होगा, रोहित ने साबित कर दिया है कि इंग्लिश टीमों और उनके आक्रामक रवैये दोनों को हराया जा सकता है भले ही आपके पास भारत जैसी युवा टीम ही क्यों ना हो |