प्रस्तुति:
भारतीय क्रिकेट टीम का प्रदर्शन हमेशा से हमारे दिलों को छू जाता है। परंतु हाल ही में शुरू हुई पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मैच में भारतीय टीम की हार का खबर अनेक चर्चाओं का विषय बना। ऐसा कहा जाता था कि भारतीय टीम विराट कोहली, मोहम्मद शमी, केएल राहुल जैसे बड़े खिलाड़ियों के बिना कुछ भी नहीं है। लेकिन भारतीय युवा ब्रिगेड ने इसे गलत साबित कर दिया।
बड़े खिलाड़ियों की अनुपस्थिति:
इस सीरीज के पहले मैच में भारतीय टीम को अपने बड़े खिलाड़ियों जैसे कि कोहली और शमी के बिना खेलना पड़ा। पहले मैच के बाद केएल राहुल और रविंद्र जडेजा भी टीम से छोड़ गए, जिससे हर एक विशेषज्ञ यह सोच रहा था कि भारत दूसरे टेस्ट में भी हारेगा।
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युवा खिलाड़ियों का प्रदर्शन:
लेकिन इन बड़े खिलाड़ियों की कमी के बावजूद, युवा खिलाड़ियों ने बड़े पैमाने पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। दूसरे और तीसरे टेस्ट में जैसवाल, जो वर्तमान में सीरीज के सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं, गिल, जिन्होंने तीसरे और दूसरे टेस्ट के दूसरे पारी में अच्छा खेला, या सरफराज खान और ध्रुव जुरेल जिन्होंने तीसरे टेस्ट में शानदार डेब्यू किया, भारतीय युवा इंग्लिश टीम के खिलाफ पीछे नहीं हट रहे हैं
सीरीज में भारत की अगुवाई:
इन सभी ने यह सुनिश्चित किया कि भारतीय बल्लेबाजी कमजोर न लगे और इस प्रकार भारत ने खतरनाक इंग्लैंड को दूसरा और तीसरा टेस्ट में हराया ,दूसरे टेस्ट में भारत ने इंग्लैंड को 106 रनों से हराया जबकि तीसरे टेस्ट में भारत ने इंग्लैंड को 434 रनों से हराया जो कि बहुत बड़ी जीत है | भारत इंग्लैंड को पारी घोषित करने वाली पहली टीम भी बन गई (कोच मैकुलम और कप्तान स्टोक्स के बैज़बाल युग में )और वर्तमान में सीरीज का नेतृत्व 2-1 से कर रहा है।
निष्कर्ष:
इस प्रदर्शन से स्पष्ट होता है कि भारतीय टीम में युवा खिलाड़ियों की मौजूदगी बड़ी बात है। इन खिलाड़ियों ने विश्वसनीयता का प्रदर्शन किया और दिखाया कि उनमें कौन-कौन सा दम है। तो भारत सीरीज जीतेगा या नहीं ये तो नहीं पता लेकिन भारतीय टीम के युवाओं ने दिखा दिया है कि वो बड़े मंच पर खेलने में सक्षम हैं,लेकिन क्या वे भविष्य को भरने में सक्षम हैं,यह समय बताएगा|